जयशंकर ने मालदीव में इस परियोजना का किया उद्घाटन, मुइज्जू ने PM मोदी का जताया आभार

माले:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव के 28 द्वीपों में भारत के वित्तपोषण वालीं 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर की व्यापक जल और स्वच्छता परियोजनाएं शनिवार को पड़ोसी देश को सौंप दीं. तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान मुइज्जू और मालदीव के विदेश मंत्री ने जयशंकर का आभार जताया.

मालदीव के निर्माण एवं अवसंरचना मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मुथथलिब भी उपस्थित थे,जिनके मंत्रालय ने इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया. भारतीय एक्ज़िम बैंक द्वारा भारतीय ऋण सुविधा के तहत 28 द्वीपों में जल और स्वच्छता परियोजनाओं को जयशंकर ने ''अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से मालदीव में क्रियान्वित सबसे बड़ी जलवायु अनुकूलन परियोजना'' बताया.

जयशंकर ने कहा,'यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि इस परियोजना के जरिए मालदीव सरकार को जलवायु अनुकूल और किफायती जल व सीवर सिस्टम की स्थापना करके अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मदद मिली है.”

मुइज्जू ने समारोह के बाद ‘एक्स' पर लिखा,“आज डॉक्टर एस. जयशंकर से मुलाकात करना और मालदीव के 28 द्वीपों में जल व सीवर परियोजनाओं के आधिकारिक हस्तांतरण में उनका शामिल होना खुशी की बात है.”

उन्होंने जयशंकर से मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,“मैं मालदीव का हमेशा समर्थन करने के लिए भारत सरकार,विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं. हमारी स्थायी साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है. यह सुरक्षा,विकास व सांस्कृतिक संबंधों में सहयोग के माध्यम से दोनों देशों को करीब ला रही है. हम साथ मिलकर इस क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल,अधिक समृद्ध भविष्य तय कर रहे हैं.”

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वह भारत की 'मजबूत भागीदारी और स्थायी मित्रता' के लिए 'बहुत आभारी' हैं. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स' एक अलग पोस्ट में इसे 'स्थायी मित्रता व सहयोग का प्रमाण' बताया.

विदेश मंत्रालय (एमईए) के एक बयान में कहा गया है कि इस परियोजना से कई द्वीपों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध होगा और कई अन्य द्वीपों में सीवर प्रणाली शुरू होगी. मंत्रालय ने कहा कि इसका मालदीव के 28,000 से अधिक लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा.

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