आरजी कर अस्पताल तोड़फोड़ मामले में अब तक 19 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

तोड़फोड़ के दौरान कम से कम 15 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भीड़ ने कुछ कमरों और 18 विभागों में तोड़फोड़ की थी. इस मामले में पुलिस ने अभी तक19 लोगों को गिरफ़्तार किया है. कोलकाता पुलिस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखाआरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में अब तक 19 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. इनमें से पांच की पहचान सोशल मीडिया फीडबैक के ज़रिए हुई है. अगर आप हमारे पिछले पोस्ट में किसी संदिग्ध को पहचानते हैं,तो कृपया हमें सूचित करें. आपके समर्थन और भरोसे के लिए धन्यवाद.

19 arrests so far in RG Kar hospital vandalism. Five of them were identified by social media feedback. If you recognise any of the suspects from our earlier posts,kindly inform us. Thank you for your support & trust. pic.twitter.com/zyY4sOgjBi

— Kolkata Police (@KolkataPolice) August 16,2024कल पुलिस ने अस्पताल में उपकरणों को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल संदिग्धों की तस्वीरें साझा कीं थी. कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था,"जानकारी चाहिए: जो कोई भी नीचे दी गई तस्वीरों में लाल घेरे में दिख रहे व्यक्तियों की पहचान करने में मदद कर सकता है,उनसे अनुरोध है कि वे सीधे हमसे या अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन के माध्यम से ऐसा करें." उन्होंने बैरिकेड्स पर हमला करते हुए देखे गए उपद्रवियों की पहचान करने में मदद मांगते हुए एक वीडियो भी साझा किया था.

एक महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ की गई थी.

सीसीटीवी कैमरे भी तोड़े गए

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारीने बताया कि बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात में आपात कक्ष,कर्मचारियों के कक्षों और औषधि भंडार में भारी तोड़फोड़ की गई थी. उन्होंने बताया कि लगभग सभी सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिये गये थे. उन्होंने बताया कि उस सेमिनार हॉल के एक हिस्से में भी तोड़फोड़ की गई तथा दरवाजे क्षतिग्रस्त कर दिये गये,जहां एक महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था तथा उसकी हत्या कर दी गई थी.

आधी रात के आसपास,प्रदर्शनकारियों के रूप में लगभग 40 लोगों का एक समूह अस्पताल में घुसा तथा आपातकालीन विभाग,नर्सिंग स्टेशन और दवा की दुकान में तोड़फोड़ की और सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुंचाया. प्रदर्शनकारियों ने उस मंच को भी तहस-नहस किया,जहां जूनियर चिकित्सक नौ अगस्त से प्रदर्शन कर रहे थे.

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया,‘‘इन लोगों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की. वे क्या खोज रहे थे? तोड़फोड़ की गंभीरता का आकलन अभी किया जाना बाकी है.'' उन्होंने कहा,‘‘रेफ्रिजेरेटर भी क्षतिग्रस्त कर दिये गये,जिनमें लाखों रुपये की दवाइयां रखी हुई थीं. टेबल,कुर्सियां,कंप्यूटर,एक्स-रे मशीन और अन्य उपकरण भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिये गये.''

इस बीच ‘पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम' (डब्ल्यूबीडीएफ) ने अस्पताल में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की. डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने भी घटना की निंदा की तथा मामले की उच्च-स्तरीय प्रशासनिक जांच समिति द्वारा जांच शुरू करने तथा 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपनी मांग को जोरदार ढंग से उठाया.

तोड़फोड़ के दौरानकम से कम 15 पुलिसकर्मी घायल हुए

सीबीआई की टीम पीड़ित छात्रा के घर गई थी

रेप-हत्या मामले से देश भर में प्रदर्शन किया जा रहा है


मेडिकल कॉलेज में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात की

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदू अधिकारी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई बर्बरता के संबंध में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सीबीआई के निदेशक को एक पत्र लिखा और आरजी कर में सबूतों को नष्ट होने से रोकने के लिए CAPF की तैनाती की मांग की.

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भाजपा नेता अधिकारी ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि पुलिस का कर्तव्य था कि वह अपराध स्थल की सुरक्षा करे,साथ ही अस्पताल के कर्मियों और वहां इलाज करा रहे मरीजों को भी सुरक्षा प्रदान करे लेकिन वे इसमें 'बुरी तरह विफल' रहे. उन्होंने कहा,'...अपनी अक्षमता के कारण,मासूम लोगों की रक्षा करने के बजाय,वे खुद शौचालयों में बंद हो गए जिससे पूरा अस्पताल दंगाइयों के लिए खुल गया.'

उन्होंने आरोप लगाया,'इसके अलावा,जब भीड़ ने तोड़फोड़ कर ली तब दिखावे के लिए पुलिस कर्मी आंसू गैस के गोले छोड़ने लगे,जो इस बात की पुष्टि करता है कि पुलिस अधिकारी दंगाइयों के साथ मिले हुए थे और कार्रवाई का दिखावा करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। कोलकाता पुलिस और उसके आयुक्त की भूमिका संदिग्ध है.'

अधिकारी ने कहा कि सुबह जिस तरह से तोड़फोड़ की गई,उससे साफ पता चलता है कि यह सुनियोजित थी. उन्होंने कहा,'इसे देखते हुए,मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तुरंत केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए ताकि महत्वपूर्ण साक्ष्यों की सुरक्षा की जा सके और सीबीआई द्वारा उचित जांच की जा सके...'

भाजपा और माकपा की साजिश:तृणमूल

उधर तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि अस्पताल में तोड़फोड़ भाजपा और माकपा द्वारा रची गई साजिश थी. तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया,'सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है और राज्य ने एजेंसी को पूरा सहयोग दिया है. शुभेंदु जैसे भाजपा नेता नाजुक हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हर चुनाव में बंगाल की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद हताश हैं.'

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