"हर 2 घंटे में रिपोर्ट भेजें", डॉक्‍टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र का राज्‍यों को निर्देश

डॉक्‍टर की रेप के बाद बेरहमी से हुई हत्‍या

नई दिल्‍ली:

कोलकाता के एक अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या पर देशव्यापी विरोध और आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच,गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक आदेश जारी कर हर 2 घंटे में कानून व्यवस्था की स्थिति पर रिपोर्ट देने को कहा है. अधिसूचना के अनुसार,गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्य पुलिसबलों को हर दो घंटे में मेल,फैक्स या व्हाट्सएप के जरिए रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है.

हर 2 घंटे में भेजनी होगी रिपोर्ट

गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर कहा है,"हर दो घंटे की कानून और व्यवस्था की स्थिति की रिपोर्ट के संबंध में... सक्षम प्राधिकारी ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ आपके राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की कानून और व्यवस्था की स्थिति की रिपोर्ट की निगरानी करने की इच्छा जताई है. अब से इस संबंध में लगातार दो घंटे की कानून और व्यवस्था की स्थिति की रिपोर्ट आज (16/08/24) शाम 4 बजे से फैक्स/ई-मेल/व्हाट्सएप द्वारा एमएचए नियंत्रण कक्ष को भेजी जा सकती है."

रेप मामले की जांच में कई खामियां...

एनडीटीवी को पता चला है कि राज्यों ने 16 अगस्त से रिपोर्ट भेजनी शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया,"इससे यह सुनिश्चित होगा कि महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित रिपोर्ट समय पर पहुंचे." उन्होंने कहा कि कोलकाता रेप मामले की जांच में कई खामियां नजर आईं. उन्होंने कहा,"ऐसे महत्वपूर्ण मामलों में तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है।"

डॉक्‍टर की रेप के बाद बेरहमी से हुई हत्‍या

31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की 9 अगस्त को सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने कई गंभीर खामियों और संबंधित अधिकारियों के समर्थन की कमी को उजागर किया और इस मुद्दे ने विरोध प्रदर्शन के लिए एक ट्रिगर के रूप में काम किया. स्थानीय पुलिस द्वारा कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं होने पर बड़े पैमाने पर गुस्से के बाद,कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सुरक्षा स्थितियों पर नजर रखने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.


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