"स्कूल भी सुरक्षित नहीं, 4 साल की बच्ची को भी नहीं बख्श रहे..." बदलापुर यौन शोषण पर हाईकोर्ट की फटकार

जज रेवती मोहिते-डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ में सुनवाई

मुंबई:

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना से हर कोई गुस्से में है. इस मामले का बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है.बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान याचिका दायर की है. जिस पर फिलहाल कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट की सुनवाई में क्या कुछ हुआ,यहां विस्तार से जानिए-

सुनवाई में कोर्ट ने पूछे कई सवाल

सरकारी वकील सराफ़ ने कहा कि कल से इस मामले में एसआईटी ने जांच शुरू की है,आरोपी को इस मामले में गिरफ़्तार कर किया गया है.जज ने पूछा कि क्या 164 के तहत बयान रिकॉर्ड किया गया है. जिस पर सराफ ने कहा कि आज किया जाएगा. इसी के साथ सुनवाई में कोर्ट के जज ने ये भी पूछा कि क्या Pocso के तहत एक्शन हुआ है या नहीं? जिसका जवाब देते हुए सराफ ने कहा कि महिला ऑफिसर की मौजूदगी में केस रजिस्टर हुआ है. जज ने कहा कि हमें इस केस में डायरी और FIR चाहिए,क्या बच्चियों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया है. जिस पर सराफ़ ने कहा कि जी स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया है,लेकिन 164 के तहत नहीं हुआ है. बच्चियों के घर जा कर स्टेटमेंट रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं.जज ने कहा कि पॉक्सो एक्ट अगर स्कूल को पता था और उन्होंने एक्शन नहीं लिया तो क्या उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही हुई है? इस पर सराफ ने कहा कि जी नहीं हुई है अभी तक,स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम इस पर जल्द करेवाही करेगी.

सिर्फ सस्पेंड से काम नहीं चलेगा

जज ने कहा कि जब एफआईआर में यह लिखाया गया है कि स्कूल को इस मामले की जानकारी दी गई थी तो पुलिस को पहले ही एक्शन लेना चाहिए था स्कूल पर. दूसरे विक्टम के बारे में FIR में कुछ नहीं लिखा गया है. सराफ ने कहा कि जी FIR के आख़री हिस्से में लिखा गया है कि एक और विक्टम है. सराफ ने दूसरी विक्टम का नाम FIR पढ़ते समय लिया,कोर्ट ने रोका और सराफ़ सरकारी वकील को नाम लेने से मना किया. अदालत को अब ठाणे पुलिस की तरफ़ से बताया गया है कि दूसरी विक्टम का स्टेटमेंट अभी तक नहीं दर्ज किया गया है. जज ने कहा कि आप पहले कह रहे हैं कि दोनों बच्चियों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है. जज ने कहा कि सिर्फ सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा,क्या विक्टम के स्टेटमेंट को वीडियो रिकॉर्ड किया गया है.

कोर्ट ने पूछा कि क्या लड़कियों ने स्कूल से शिकायत की? जिस पर वकील ने कहा कि एफआईआर से तो ऐसा ही लग रहा है.कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने स्कूल के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया? POCSO में अपराध की रिपोर्ट न करने के लिए स्कूल के संबंधित अधिकारी को भी पार्टी बनाने का प्रावधान है. कोर्ट के ये पूछने पर सराफ ने कहा कि अब एसआईटी बन गई है तो यह किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि लेकिन यह पहले ही किया जाना चाहिए था. जैसे ही परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई,आपको स्कूल के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था. क्या लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है? पीड़ित लड़कियों के साथ जो हुआ,हम इस तथ्य को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते. हम जानना चाहते हैं कि राज्य ने पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग के लिए क्या किया है.

कोर्ट ने पुलिस की कार्यवाही पर उठाए ये सवाल

इस मामले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि जब एसआईटी बनी और जांच सौंपी गई तो बदलापुर पुलिस ने पूरा रिकॉर्ड एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा.सराफ ने कहा कि दूसरे पीड़ित के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि तो आप हमसे तथ्य क्यों छिपा रहे हैं?.सरकारी वकील सराफ ने कहा कि मैंने अभी कोर्ट में अधिकारी से पूछा.

कोर्ट ने कहा कि POCSO अधिनियम की धारा 39 और 40 देखें,इसमें बच्चे को परामर्श देने का प्रावधान है. कोर्ट के ये कहने पर सराफ ने कहा कि हमें कुछ समय दें हम जवाब देंगे. कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में एसआईटी का गठन कब हुआ था? जिसका जवाब देते हए सराफ ने कहा कि घटना 12 और 13 अगस्त की है. कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कि बदलापुर पुलिस ने इस मामले की जांच कैसे की है,इसने शायद ही कुछ किया हो. सरकारी वकील ने कहा कि हमने कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

जब तक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे तब तक जांच...

सरकारी वकील के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा कि लेकिन वह हल नहीं है. क्या अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत अनिवार्य रूप से पीड़ितों के बयान दर्ज किए? कोर्ट ने कहा कि दूसरी लड़कियों के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं. उन्होंने सराफ से अगली तारीख पर यह बताने को कहा कि उनके बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई. कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर अपराध है. दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ,पुलिस मामले को गंभीरता से कैसे नहीं लेती. हम जानना चाहेंगे कि आप स्कूली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? लड़कियों की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं किया जा सकता. यह अब आम बात हो गई है. जब तक तीव्र विरोध न हो,मशीनरी काम नहीं करती. क्या आप यह कहना चाहते हैं कि जब तक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे,जांच गंभीरता से नहीं होगी?

कोर्ट ने पीड़ितों की उम्र पूछी जिस पर सराफ ने बताया कि एक बच्ची 4 साल और दूसरी 3 साल की है. कोर्ट ने कहा कि यह सबसे बुरा है! कोर्ट ने कहा कि न केवल एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई बल्कि स्कूल के संबंधित अधिकारियों ने शिकायत भी दर्ज नहीं की. यह एफआईआर कॉपी से साफ हो रहा है. सराफ ने कहा कि एक एसआईटी का गठन किया गया है. सारे डाक्यूमेंट्स एसआईटी को सौंप दिये गये हैं. केवल एक पीड़िता के बयान दर्ज किए गए हैं और दूसरे के बयान आज दर्ज किया जाएगा.

कोर्ट ने कहा कि क्या दूसरी पीड़िता के पिता का बयान दर्ज किया गया था? एसआईटी चीफ का कहना है कि इसे कल रिकॉर्ड किया गया था.कोर्ट ने कहा कि विक्टम के साथ साथ उनके परिवार का भी 164 के तहत बयान दर्ज किया जाये. अगली तारीख़ पर हमे केस डायरी दीजिए ताकि पता चले कि स्पेशल इन्वेस्टगेशन टीम के पास जाने से पहले बदलापुर पुलिस ने क्या जांच और कार्यवाही की थी.

कोर्ट ने सुनावई में दी चेतावनी

कोर्ट ने कहा कि तो इसके बाद ही कोर्ट ने सुमोटो लिया. अगर आप किसी भी तरह मामले को दबाने की कोशिश करेंगे तो हम कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगे. कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं किया गया है आप आधी रात के बाद बयान कैसे दर्ज कर सकते हैं. इतनी देरी क्यों? आप हमें बताएंगे कि बयान समय पर दर्ज क्यों नहीं किए गए. हम सभी दस्तावेजों की तारीखें देखेंगे. हम केवल पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं और कुछ नहीं,ये नाबालिग लड़कियां हैं.

कोर्ट ने कहा कि धारा 161 के बयानों के तहत दूसरी लड़की के पिता के हस्ताक्षर क्यों लिए गए? कोर्ट ने आगे कहा कि हम यह जानकर आश्चर्यचकित हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरे पीड़ित के परिवार के बयान दर्ज नहीं किए. हमारे सुमोटो लेने के बाद ही पुलिस ने दूसरी पीड़िता के पिता के बयान दर्ज किए,वह भी आधी रात के बाद.कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पीड़ितों और उनके परिवारों को सभी कानूनी सहायता और काउंसिलिंग दी जाएगी.

कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप न केवल पीड़ित लड़कियों के बल्कि उनके परिवारों के भी बयान crpc की धारा 164 के तहत दर्ज करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक उन्हें केस की फाइल देखनी है. कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख पर बदलापुर पुलिस ने क्या जांच की वो पूरी जानकारी चाहिए.कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे करेगी. कोर्ट ने सराफ से कहा कि आपको बदलापुर पुलिस स्टेशन की जांच पर बहुत सारे जवाब देने होंगे.

कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल एक सुरक्षित जगह नहीं है तो शिक्षा और अन्य सभी चीजों के अधिकार की बात करने का क्या मतलब है. यहां तक ​​कि 4 साल की लड़कियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. ये कैसी स्थिति है. यह बेहद चौंकाने वाली बात है.

क्या है पूरा मामला

बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इस घटना को लेकर राज्य में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है और बदलापुर में गुस्साए नागरिकों ने ट्रेन रोकी और स्कूल में तोड़फोड़ की. जिसके बाद उपद्रवियों पर भी कार्रवाई की गई.इस घटना की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले पर स्वत संज्ञान लिया. इस मामले का संज्ञान लेते हुए सुमोटो याचिका दायर की गई है.

24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का ऐलान

बदलापुर यौन शोषण मामले पर बवाल बढ़ता जा रहा है. महाविकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद (MVA Called Maharashtra Band) का ऐलान किया है. महाराष्ट्र में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्यचार,रेप की घटनाओं और सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए महाविकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है. यौन उत्पीड़न की घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. घटना से गुस्साए लोगों ने बदलापुर में जबरदस्‍त विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

करीब 300 प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज

बच्चियों से यौन शोषण की घटना को लेकर 20 अगस्त को हजारों लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो उठा. 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही. हंगामे में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था.हंगामे के दौरान 17 पुलिसकर्मी घायल हुए. पुलिस ने करीब 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की. 70 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया.

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
© कॉपीराइट 2009-2020 बुद्धिमान सूचना पोर्टल      हमसे संपर्क करें   SiteMap