आपसी मुठभेड़ में डकैत मारा जाता है,तो सपा को बुरा लग रहा है- CM योगी
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश यादव को करारा जवाब देते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी के राज में जितना बड़ा गुंडा होता था,उसे उतना ही बड़ा ओहदा मिलता था. सुल्तानपुर में डकैती के एक आरोपी को 5 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में गोली लगने से मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जिला प्रशासन की तरफ से दिए गए हैं.
'...तब गुंडो को मिलता था बड़ा ओहदा'
अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए सीएम योगी ने कहा,'समाजवादी पार्टी की जब सरकार थी,तब गुंडों को खास स्थान दिया जाता था. तब ऐसा था कि जितना बड़ा गुंड़ा,उतना बड़ा ओहदा मिलता था. लेकिन अब आपसी मुठभेड़ में कोई डकैत मारा जाता है,तो समाजवादी पार्टी को बुरा लग रहा है.'मुठभेड़ के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश की पुष्टि करते हुए सुल्तानपुर एडीएम प्रशासन गौरव शुक्ला ने बताया कि 5 सितंबर को थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के अंतर्गत अपराधी मंगेश और कुंभे की एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मौत के मामले में उपजिलाधिकारी लंभुआ को मजिस्ट्रियल जांच के लिए नामित किया है. उनको अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देने के निर्देश दिए गए हैं.एनकाउंटर पर यूपी में राजनीतिक उठापटक
मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद यूपी में राजनीतिक उठापटक जोरों पर है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को गलत बताते हुए अपराधी की जाति देखकर एनकाउंटर करने का आरोप लगाया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था,'लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था,इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी' से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात' देखकर जान ली गई.'सपा मुखिया ने कहा कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है,तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए,क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है,उससे उबरने में बहुत समय लगता है,जिससे व्यापार की हानि होती है,जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे. अखिलेश यादव ने कहा था,'नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं,असली कानून-व्यवस्था है. भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है,तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है.'
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