नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में एक गाना बहुत मशहूर हुआ. वह गाना था,''जो राम को लाए हैं,
हम उनको लाएंगे,दुनिया में फिर से हम,भगवा लहराएंगे,यूपी में फिर से हम,भगवा लहराएंगे...'' यह गाना एक तरह से बीजेपी का प्रचार गीत बन गया था. बीजेपी की रैलियों और जनसभाओं में यह गाना खूब बजा. इस गाने का असर भी दिखा. बीजेपी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. इस गाने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रसंशा की गई थी. योगी सरकार की ओर से अयोध्या और काशी में किए गए कार्यों की तारीफ की गई थी और मथुरा को सजाने-संवारने की बात की गई थी.यह गाना एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल चर्चा इस बात की है कि इस गाने को गाने वाले कन्हैया मित्तल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. मित्तल का कहना है कि वो कभी भी बीजेपी के सदस्य नहीं रहे हैं. उनका कहना है कि वो चाहते हैं कि सनातन धर्म की बात करने वाले हर दल में हों. इसलिए वो कांग्रेस में जाने की सोच रहे हैं. उन्होंने बीजेपी के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार किया है.
बचपन से ही गा रहे हैं भजन
कन्हैया मित्तल चंडीगढ़ के रहने वाले हैं. उनका जन्म 21 सितंबर 1990 को चंडीगढ़ में हुआ था. उनका परिवार मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला है,उनका रूझान बचपन से ही धर्म की ओर हो गया था. उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ भजन गायन और धार्मिक प्रवचन करने का भी काम किया.मित्तल का बचपन मुफलिसी में बीता. उनके पिता साइकिल पर नमकीन बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. मित्तल भी इसी तरह से सामान बेचा करते थे.
कन्हैया मित्तल पिछले 18 सालों से भजन गाने और प्रवचन के काम में जुटे हुए हैं. मित्तल के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके गानों के मुरीदों में शामिल हैं.कन्हैया मित्तल खाटू श्यामजी और सालासर बालाजी के भजन गाते हैं.उन्होंने भजन का सार्वजनिक गायन पहली बार 2004 में दिल्ली के पीतमपुरा में किया था. मित्तल पहले भजन गायन मुफ्त में किया करते थे. लेकिन 2016 के बाद उन्होंने प्रोफेशनल भजन गायक के रूप में गाना शुरू किया.
जो राम को लाए हैं... की सफलता
मित्तल के गाए,''जो राम को लाए है,हम उनको लाएंगे...'' को अबतक उनके यूट्यब चैनल पर एक करोड़ 10 लाख से अधिक ब्यूज मिल चुके हैं.यूट्यूब पर मित्तल को साढ़े 26 लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं. वहीं सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्हें 25 हजार 700 लोग फॉलो करते हैं तो फेसबुक पर उनके फॉलोवरों की संख्या 19 लाख लोग है. की है. इसका उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रचार करना था. हरियाणा के हिसार जिले में स्थित अग्रोहा को
कन्हैया मित्तल ने अभी हाल ही में हरियाणा के विभिन्न जिलों से होते हुए अग्रोहा धाम तक 278 किलोमीटर लंबी पदयात्रा महाराज अग्रसेन ने बसाया था. माना जाता है कि अग्रसेन व्यापारी वर्ग के देवता हैं.
हरियाणा के भजन गायक कन्हैया मित्तल उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपना गुरु मानते हैं.
कांग्रेस में क्यों शामिल होंगे कन्हैया मित्तल
कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच कन्हैया मित्तल ने राजस्थान से एक वीडियो जारी कर अपनी बात रखी हैं.उन्होंने कहा है कि सनातन धर्म की बात केवल बीजेपी में ही नहीं,बल्कि और पार्टियों में भी होनी चाहिए.इसलिए मैं कांग्रेस ज्वाइन कर सकता हूं. मित्तल ने कहा कि लोग कहते हैं बीजेपी ने पंचकूला से टिकट नहीं दिया,इसलिए कांग्रेस में जा रहे. हालांकि,ऐसा नहीं है. मित्तल ने कहा कि मैं मूल रूप से कभी बीजेपी में था ही नहीं. हां मुझे बुलाया जाता था और यह कहा जाता था कि जो राम को लाए हैं,वाला भजन गाओ जो मैंने गया जिसमें बीजेपी का कोई नाम भी नहीं है.''
कन्हैया मित्तल के गाए भजन का बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रयोग किया.
इस वीडियो में वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना गुरु बताया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरे गुरु हैं और रहेंगे.मुझे सनातन को आगे बढ़ाना है और कुछ नहीं अगर मनमोहन सिंह भी राम मंदिर बनाते तो मैं उनके लिए भी भजन गाता.मैं सनातनियों के लिए भजन गाया है,न कि किसी पार्टी के लिए.
पंचकूला की लड़ाई
ऐसी खबरें हैं कि कन्हैया मित्तल हरियाणा की पंचकुला सीट से बीजेपी से टिकट चाह रहे थे. लेकिन बीजेपी ने चार सितंबर को जारी सूची में वहां से विधानभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्त को उम्मीदवार बनाया है. माना जा रहा है कि कन्हैया मित्तल इस बात से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अभी यह पता नहीं है कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी या नहीं. कांग्रेस ने हरियाणा की 40 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इसमें पंचकूला सीट शामिल नहीं है.
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