राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड मामलों का निपटारा, इतने मामले निपटाए गए

तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन

नई दिल्ली:

शनिवार को देशभर में आयोजित तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में करीब सवा करोड़ मामलों का निपटारा कर दिया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा ये लोक अदालत 27 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में आयोजित की गई. NALSA के सदस्य सचिव संतोष स्नेही मान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज एवं NALSA कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना के नेतृत्व में आयोजित लोक अदालत में कुल 1,14,56,529 मामलों का निपटारा किया गया.

इन मामलों का किया गया निपटारा

इसमें समझौता योग्य अपराध,ट्रैफिक चालान,राजस्व मामले,बैंक वसूली मामले,मोटर दुर्घटना दावे,चेक अनादर मामले,श्रम विवाद,वैवाहिक विवाद (तलाक मामलों को छोड़कर),भूमि अधिग्रहण मामले,IPR या उपभोक्ता मामले और अन्य सिविल मामले सहित कई तरह के मामलों का समाधान शामिल है. इन मामलों में कुल निपटान राशि का अनुमानित मूल्य 8482.08 करोड़ रहा. हालांकि निपटाए गए मामलों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि कुछ राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों से रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है क्योंकि ये आंकड़ा शनिवार शाम 6:30 बजे तक का है.

NALSA ने 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के तालुकों,जिलों और उच्च न्यायालयों में वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया. शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत गणेश चतुर्थी और ओणम त्योहारों के बाद आयोजित की जाएगी. NALSA के सदस्य सचिव संतोष स्नेही मान के अनुसार लोक अदालत औपचारिक न्यायालय प्रणाली के दायरे से बाहर पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान/समझौता करने में सहायता करती है.

सभी तक न्याय की पहुंच जरूरी

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) लोक अदालतों के आयोजन सहित अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से सभी के लिए न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्रों को प्रोत्साहित करके औपचारिक न्यायिक प्रणाली पर बोझ को कम करने में लगातार प्रगति कर रहा है. ये सफलता लोक अदालतों में लोगों के विश्वास को दर्शाती है,जो न्याय तक पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है,खासकर समाज के वंचित और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए.

NALSA देश भर में अधिक लोक अदालतों के आयोजन और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है.


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