Live : जनहित का मामला, लाइव स्ट्रीमिंग को नहीं रोक सकते...; कोलकाता रेप मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट

कोलकाता रेप-मर्डर के विरोध में देशभर में प्रदर्शन

कोलकाता महिला डॉक्टर रेप मर्डर केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्टमें पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के सीधे प्रसारण को रोकने का अनुरोध किया. जिस पर CJI ने कहा कि हर वकील तय तरीके से बहस करे,ये ना देखे कि लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है और लोग देख रहे हैं.बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है. आप कुछ भी सवाल पूछते हैं तो लोग देखते हैं.ऐसे मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग ना हो. हमारी रेप्यूटेशन दांव पर है. ⁠मैं कहां हंस रहा था. ये तो जनहित का मामला है,लाइव स्ट्रीमिंग नहीं रोक सकते.कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि हमें एसिडफेंकने की धमकी आ रही है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट नेकपिल सिब्बल को आश्वस्त किया कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा होगा तो वह कदम उठाएगा.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबसे पहले हम सीबीआई की रिपोर्ट देखना चाहते हैं. जिस परसिब्बलने कहा कि मामले की सुनवाई से पहले 5 मिनट पहले हमें सुन लें.सिब्बल ने कहा कि इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग मामला है.आप अगर कोई कमेंट करते हैं तो 50 सालों की प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं.मैं कभी नही हंसा,और लोग उसे चला रहे थे,ये बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला है.कपिल सिब्बल ने कहा किसोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे मैने बंगाल सरकार का पक्ष रखकर हम गुनाहगारों की तरफ खडे हो गए हैं.मेरी 50 साल की प्रतिष्ठा रातो रात तबाह हो रही है. मीडिया मे कहा जा रहा है कि मैं सुनवाई के दौरान हंस रहा था.CJI ने कहा किआरोप पत्र दाखिल करने के लिए इस मामले में कितनी समय सीमा है.जिस पर एसजी ने कहा किनए कानून के मुताबिक रेप के मामले में 60 दिन,लेकिन यहां रेप एंड मर्डर है इसलिए 90 दिनों में आरोप पत्र दाखिल करना है. CJI ने कहा किसीबीआई भी जांच कर रही है कि क्या सबूत नष्ट करने में कोई ओर शामिल है.सीबीआई को और समय देना चाहिए. सीबीआई रिपोर्ट का खुलासा करने से मामला ख़तरे में पड़ जाएगा. वे सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.सीजेआई ने कहा किउन्होंने प्रिंसिपल,एसएचओ को गिरफ़्तार कर लिया है,वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. जो फॉर्म गायब थे,अपराध स्थल को नष्ट कर दिया गया था. किसी अन्य व्यक्ति की मिलीभगत थी. ये सब जांच हो रही है. ⁠हमें जांच को समय बद्ध करने के लिए नहीं कहना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के पिता द्वारा सीबीआई को लिखे गए पत्र के आधार पर कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. जिसमें कई मुद्दे उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच शुरू करने में 5 दिन की देरी से सीबीआई को परेशानी हो रही है,लेकिन एजेंसी को सभी पहलुओं पर गौर करना चाहिए.इस दौरान एसजी तुषार मेहताने कहा कि विकिपीडिया ने अभी तक पीड़िता का नाम और पहचान नहीं हटाई है. जिस परCJI ने कहा किहमने न्याययिक आदेश जारी किया है इसको लेकरआप फिक्र न करें,हम न्यायिक आदेश जारी करेंगे.SC ने कहा कि इंटरनेट पर पीड़ित लड़की के नाम और फोटो को हटाया जाना चाहिए.क़ानून इस बात की इजाजत नहीं देता. हम इसको लेकर आदेश पास करेंगे.CJIने कहा की सीबीआई की जांच की रिपोर्ट बेहद परेशान करने वाली है.हम कोर्ट रूम में इसकी चर्चा नही कर सकते. हम चाहते हैं कि सीबीआई सीसीटीवी फुटेज को जब्त करे. सीबीआई को पूरी फुटेज क्यों नहीं दी गई? CJI ने इस बात को गंभीरता से लिया कि सीसीटीवी फुटेज को ब्लॉक करने के लिए किसी डिवाइस का इस्तेमाल किया गया. पीड़िता की जींस को जांच के लिए नहीं भेजा गया.CJI ने कहा कि एक वीडियो है सर्च एंड सीजर का,दूसरा सेमिनार का सीसीटीवी फुटेज. सीबीआई का कहना है कि हमें केवल 27 मिनट ही मिला है. CJI ने कहा कि कोलकाता पुलिस को भी सीबीआई के साथ सहयोग करना चाहिए. कपिल सिब्बल ने कहा कि 7-8 घंटे की फुटेज सीबीआई को दी गई है. जिस पर CJI ने कहा लेकिन सीबीआई कह रही है कि उसे सिर्फ 27 मिनट का फुटेज दिया गया था. इस पर सिब्बल कोर्ट में बोले कि ये सच नहीं है सीबीआई को 7-8 घंटे का फुटेज दिया गया है.

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