प्रज्जवल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
नई दिल्ली:
कर्नाटक के JDS नेता और पूर्व सांसद प्रज्जवल रेवन्ना को रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है.कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज भी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आप बहुत पावरफुल हैं. आपके खिलाफ बहुत शिकायतें है. आपको बता दें कि प्रज्जवल रेवन्ना को दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के मामले में हाईकोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार क दिया था. हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर को रेवन्ना की जमानत याचिका को खारिज कर दी थी.
क्या लगे हैं आरोप?
आपको बता दें कि प्रज्जवल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज हैं. साथ ही उनपर आरोप है कि उन्होंने कई महिलाओं से दुष्कर्म किया है. प्रवज्जवल रेवन्ना पर लगे आरोपों की वजह से जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर दिया था.आपको बता दें कि यौन उत्पीड़न मामले का मास्टरमाइंड प्रज्वल रेवन्ना ने सरेंडर करने से पहले एक वीडियो मैसेज भेजा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि वो 31 मई को सुबह 10 बजे SIT के सामने आत्मसमर्पण करेगा.
नींबू लेकर विधान सभा आते थे एचडी रेवन्ना
2018 में जब कुमारस्वामी जेडीएस- कांग्रेस की साझा सरकार में मुख्यमंत्री बने तो अपने बड़े भाई एचडी रेवन्ना को कैबिनेट मंत्री बनाया. वो अपने हाथ में नींबू लेकर विधान सभा आते थे क्योंकि ज्योतिषियों की ये सलाह थी की अगर एचडी रेवन्ना ऐसा नहीं करते है तो कुमारस्वामी सरकार और उनके मंत्री पद पर संकट खड़ा हो जाएगा. बीजेपी ने इसपर आपत्ति की थी तो मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अपने बड़े भाई एच डी रेवन्ना के साथ खड़े हुए थे.कुमारस्वामी ने कहा था "आप रेवन्ना पर नींबू ले जाने का आरोप लगाते हैं. आप (भाजपा) हिंदू संस्कृति में विश्वास करते हैं,लेकिन आप उन पर हमला करते हैं. वह नींबू साथ लेकर मंदिर जाते हैं. लेकिन आप उन पर काला जादू करने का आरोप लगाते हैं. क्या काले जादू से सरकार बचाना संभव है?" फिर ज्योतिषियों की सलाह पर एच डी रेवन्ना रोज हासन से बेंगलुरु तक का 200 किलोमीटर का सफर करते थे. क्योंकि एक ज्योतिष ने उन्हे सलाह दी थी की अगर वो मंत्री रहते हुए बेंगलुरु में अपने घर पर सोए तो उनका मंत्री पद जा सकता है.