सस्ता हुआ सोना और चांदी - खरीदारी करने जाने से पहले जान लें ताज़ा रेट

घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर दबाव इसलिए ज्यादा है कि फेस्टिव सीजन खत्म हो चुका है...

नई दिल्ली:

इस वक्त समूची दुनिया में सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव है. घरेलू बाजार में MCX पर सोने का दिसंबर वायदा सोमवार को 500 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार रहा है. सोना वायदा 76,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे फिसल गया,जबकि चांदी वायदा में 200 रुपये प्रति किलो से ज्यादा की गिरावट है,इंट्रा-डे में ये 90,704 तक फिसल गया था.

1,700 रुपये सस्ता हुआ सोना

सोने और चांदी की कीमतों में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जो चमक देखी जा रही थी,चुनाव के नतीजों के आने के बाद जा चुकी है. पिछले हफ्ते सोना 1,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा टूटा है,बीते 6 सेशन में सोने में 1,700 रुपये तक की गिरावट देखने को मिल चुकी है.

वायदा से अलग बुलियन मार्केट में भी सोमवार को सोना सस्ता है. इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक,8 नवंबर को 10 ग्राम सोने का भाव 77,382 रुपये था,जो सोमवार 11 नवंबर को 77,027 रुपये है. जबकि यही रेट दीवाली के हफ्ते के दौरान 79,557 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गए थे. यानी सिर्फ 10 दिन में ही सोना दीवाली वाले भाव से 2,500 रुपये से ज्यादा सस्ता हो चुका है.

घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर दबाव इसलिए भी ज्यादा है कि फेस्टिव सीजन खत्म हो चुका है,इसलिए डिमांड में कमी आ चुकी है. अगला ईवेंट वेडिंग सीजन का है,जहां से डिमांड बढ़ने और तेजी दिखने की उम्मीद है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना गिरा

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोना रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसल चुका है. अक्टूबर में 2,801.80 डॉलर प्रति आउंस की ऊंचाई छूने के बाद कॉमेक्स पर सोना वायदा सोमवार को 17 डॉलर की कमजोरी के साथ 2,675 डॉलर प्रति आउंस के करीब ट्रेड कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछला हफ्ता सोने के लिए अच्छा नहीं रहा. मजबूत डॉलर ने सोने की कीमतों पर दबाव बनाया,जिसकी वजह से सोना लगातार कमजोर हो रहा है.

सोने के लिए पिछला हफ्ते बीते पांच साल के इतिहास में सबसे खराब गुजरा है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत से अब इस बात की आशंका बढ़ गई है कि ट्रंप ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार को धीमा कर सकते हैं और ब्याज दरें ऊंची रह सकती है,जिसकी वजह से सोने की कीमतों पर जबरदस्त दबाव देखने को मिला. दूसरी तरफ,अमेरिका की बॉन्ड यील्ड भी तेजी से बढ़ी है. जब बॉन्ड यील्ड बढ़ती है,तो सोने के निवेशक अपना पैसा निकालकर बॉन्ड में निवेश करते हैं.

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