Raw Mission: रॉ और मुंबई पुलिस ने कंधार प्लेन हाईजैक मामले में मुंबई में कार्रवाई की थी.
अब से 26 साल पहले 1999 में दिसंबर का ऐसा ही वह आखिरी हफ्ता था जब लोग नए साल के स्वागत की तैयारी कर रहे थे लेकिन एक घटना ने भारतवासियों के जश्न को गम में तब्दील कर दिया. नेपाल की राजधानी काठमांडू से उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के विमान IC 814 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था.करीब हफ्ते भर तक चले हाईजैक ड्रामा ने पूरे देश की धड़कनें तेज कर दी थी. उस घटना का मुंबई कनेक्शन भी है. विमान को पहले मुंबई से हाईजैक किए जाने की साजिश थी.
Kandhar Plane Hijack: 24 दिसंबर 1999 को पूरी दुनिया की तरह तब के मुंबई क्राइम ब्रांच के तत्कालीन प्रमुख डी. शिवानंदन इस इमारत में मौजूद अपने दफ्तर में टीवी पर IC 814 से जुड़े कवरेज को देख रहे थे. हाईजैकिंग की घटना के बाद मुंबई में भी पुलिस सतर्क हो गई थी और पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही थी. एकाएक शिवानंदन से मिलने रॉ के अधिकारी हेमंत करकरे पहुंचे.
क्या बोले रॉ अफसर
करकरे ने शिवानंदन को बताया कि IC 814 अपहरणकांड का मुंबई लिंक मिला है और उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच की मदद की जरूरत है. करकरे ने इसके बाद हाईजैकर्स से जुड़ी कुछ अहम जानकारी शिवानंदन को दी. एक जानकारी यह थी कि हाईजैकर्स का एक साथी मुंबई में है और मोबाइल फोन से पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के संपर्क में है. करकरे ने हाईजैकर्स के मुंबई साथी का मोबाइल नंबर डी शिवानंदन को दिया. करकरे ने उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने इस मोबाइल धारक का नाम और पता चेक किया,लेकिन वे फर्जी थे.तुरंत मीटिंग बुलाई गई
डी. शिवानंदन ने इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की सभी यूनिट्स के अधिकारियों की तुरंत मीटिंग बुलाई. एक टीम को तत्काल मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के पास भेजा गया,ताकि मुंबई में जो हाईजैकर्स के साथी के बारे में करकरे ने बताया,उसकी कॉल्स डिटेल और टेलिफोन टॉवर आईडी के बारे में जानकारी मिल सके. कॉल की मॉनिटरिंग शुरू हुई.फिर मिली महत्वपूर्ण जानकारी
करीब तीन दिन तक कॉलर की बातचीत सुनने के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम इतना ही जान पाई कि जो शख्स मुंबई से कॉल कर रहा है,उसके घर के आसपास मस्जिद है,क्योंकि अजान की आवाज आ रही थी. उस इलाके में भैंसें भी बहुत हैं,क्योंकि भैंसों की भी आवाज लगातार आ रही थी,लेकिन बातचीत सुनने की उसी प्रकिया में मुंबई क्राइम ब्रांच टीम को एक महत्वपूर्ण जानकारी 28 दिसंबर,1999 को शाम 6 बजे पता चली.
पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया
मुंबई में बैठे हाईजैकर्स के साथी ने पाकिस्तान कॉल किया कि उसके पास आगे की प्लानिंग के लिए कोई रकम नहीं है. आगे की साजिश के लिए उसे एक लाख रुपये चाहिए. पाकिस्तान में बैठे उसके सरगना ने करीब आधे घंटे में रुपयों का इंतजाम करने को कहा. मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम उस आधे घंटे का इंतजार करती रही,ताकि पता चल सके कि रकम के लिए हाईजैकर्स के मुंबई में साथी को कहां भेजा जाता है.गिरफ्तार न करने का फैसला
करीब 45 मिनट बाद पाकिस्तान से मुंबई कॉल आई और कॉल करने वाले को दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार में स्थित शालीमार होटल के बाहर आने और वहां एक हवाला ऑपरेटर से एक लाख रुपये कलेक्ट करने को कहा गया. मुंबई आई रॉ की टीम और मुंबई क्राइम ब्रांच टीम ने फौरन इसकी सूचना केद्रीय गृह मंत्रालय को दिल्ली में दी. करीब 20 मिनट तक दिल्ली में मीटिंग हुई और फैसला किया गया कि मुंबई के कॉलर को रकम लेने के दौरान तत्काल गिरफ्तार न किया जाए,क्योंकि हाईजैकर्स ने यात्रियों को तब तक छोड़ा नहीं था.फॉलो करते रहे
मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ ने करीब एक दर्जन अधिकारियों को शालीमार होटल के बाहर सादी वर्दी में भेजा. रात करीब साढे 9 बजे जैसे ही आरोपी ने वहां रकम ली,उसकी शिनाख्त कर ली गई. वह टैक्सी में बैठा. मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी टैक्सी में बैठे. आरोपी टैक्सी से मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर उतरा और चर्चगेट-बोरिवली की लोकल ट्रेन में बैठा. मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी भी उसी लोकल में बैठ गए. करीब 35 मिनट बाद आरोपी जोगेश्वरी स्टेशन उतरा और फिर ऑटो में बैठकर कहीं जाने लगा. मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी तीन अलग-अलग ऑटो में बैठे और आरोपी के ऑटो को फॉलो करते रहे.ऐसे पकड़े गए
आरोपी जोगेश्वरी के बेहरामबाग में उतरा और एक चॉल के कमरे में चला गया. मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने दूर से आरोपी का ठिकाना देख लिया. फौरन यह जानकारी दिल्ली में रॉ के अधिकारियों को भेज दी गई. मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारियों को वेट और वॉच करने को कहा गया. 31 दिसंबर,1999 को जब कंधार में IC 814 प्लेन के यात्रियों को रिहा कर दिया गया तो मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने बेहराम बाग में मुंबई से पाकिस्तान कॉल करने वाले आरोपी के घर छापा मारा. वहां से कुल पांच आरोपी—रफीक मोहम्मद,अब्दुल लतीफ,मुस्ताक आजमी,मोहम्मद आसिफ बबलू और गोपाल सिंह मान पकड़े गए.फिर खुला राज
रॉ और मुंबई क्राइम ब्रांच टीम ने सभी से पूछताछ की. पता चला कि अब्दुल लतीफ मुंबई से पाकिस्तान में टेरर ग्रुप के संपर्क में था. मोहम्मद आसिफ और रफीक मोहम्मद पाकिस्तानी नागरिक थे,जबकि गोपाल मान नामक आरोपी नेपाली था. सभी आरोपियों ने यह भी बताया कि बेहराम बाग में उनके साथ तीन और पाकिस्तान नागरिक कई दिनों से थे,लेकिन वह ऐन वक्त पर फरार हो गए.